Wednesday 8 October, 2008

सिंगुर, पश्चिम बंगाल के लिए एक सबक

पश्चिम बंगाल , ब्रिटिश काल में भारत की आर्थिक राजधानी, औद्योगिक केन्द्र, एक समय भारतीय उद्योगपतियो का पसंदीदा स्थान जहाँ वो अपने उद्योग स्थापित करना चाहते थे। वामपंथी नीति और वहां की कामगार यूनियन की यदा कदा मांगे और हड़ताल ने बहुत नुक्सान पहुचाया वहां स्थापित उद्योग धंधो को, और उद्योगपति धीरे धीरे मुख मोड़ने लगे पश्चिम बंगाल से।

टाटा ki महत्वकांक्षी लखटकिया nano कार परियोजना का सिंगुर से सानंद, गुजरात जाना पश्चिम बंगाल के लिए शुभ संकेत नही हैं। ममता बनर्जी के हठधर्मिता ने पश्चिम बंगाल के असंतुष्ट उद्योगपतियों को एक नया रास्ता दिखाया हैं। सिंगुर अपने विकाश के सुनहरे अवसर से हाथ धो बैठा हैं ममता जी की कृपा से। सिंगुर में पश्चिम बंगाल का कोई भला नही हुआ हैं, सिंगुर की जनता को बहकाया गया हैं. एक बात कहूं ममता जी, सिंगुर की जनता आपको कोशेगी भविष्य में। और आज भी आपकी स्थिति कोई अच्छी नही हैं, आप जनमत करवाले सिंगुर में (निष्पक्ष) , मैं कहता हूँ आप कम से कम कुछ दिन मुहँ छिपाए रखेगी, वैसे राजनेताओ की आंखों में बहुत शर्म तो होती नही, थोड़े दिन बाद आप फ़िर वही वोट भीख मांगने निकल पड़ेगी।

कब तक देश की जनता को बरगलाया जायेगा, कब तक देश की जनता लुटती रहेगी ? इन नेताओ की, राजनैतिक महत्व्कंक्षाये सिर्फ़ वोटो की संख्या देखती हैं, और कुछ भी नही। सब कुछ गौण हैं सब कुछ नगण्य हैं वोट के सिवा।
बुद्धदेव ने टाटा को आमंत्रित किया , टाटा आई, जमीं का अधिग्रहण हुआ , ममता को मुद्दा मिला, उन्होंने अपनी राजनैतिक रोटिया सेकी, आमरण अनसन पर बैठी फ़िर जीवित ही उठ गई, सिंगुर में लाशें गिरी, बलात्कार हुआ, ममता को अफ्शोश हुआ, टाटा के कर्मियों के ऊपर आक्रमण होने लगा, ममता अपनी मांगो पर अडी रही, टाटा ने अपने कदम पीछे ले लिए, टाटा ने परियोजना स्थल गुजरात में स्थानांतर कर लिया।

अब ममता तुम बताओ , जिन घरो में लाशें तुमने गिराई हैं , जिन नारियो का तुम्हारी वजह से बलात्कार हुआ हैं, वो घर वाले तुम्हे कैसे माफ़ करेगे ? क्या उनके व्यक्ति जी जायेगे अब, या उस नारी की सामाजिक स्वीकृति आप सुनिश्चित करेगी ? इन सब के लिए जिम्मेदार तुम हो या फ़िर तुम्हारी वोटो की राजनीति । तुम्हारे ऊपर मुक़दमा चलना चाहिए।