Thursday, 10 March 2011

पुलिस महकमा इतना नाकाम क्यूँ हैं ?


दिन दहाड़े हुए राधिका तंवर हत्याकांड ने मन को फिर एक बार झकझोर दिया हैं , व्यवस्था इतनी लचर क्यूँ हैं ? पुलिस महकमा इतना नाकाम क्यूँ हैं ?


पुलिस वाले मोटर साईकिल से पीछा करते हैं गाडी चलाते हुए मोबाईल पे बात करने वालो का , शरीफ सभ्रांत व्यापारियों , व्यवसायियों , नौकरीपेशा लोगो को तंग करते हैं / पर वही अपराधी उसी दिल्ली की सड़क पे काले सीसे वाली गाड़ी में बलात्कार करता फिरता हैं / क्या ज्यादा जरुरी हैं बिना ड्राइविंग लाईसेंस के गाड़ी चलने वाले को पकड़ना या जेब में रिवाल्वर लेकर चलने वाले को पकड़ना / क्यूँ दिल्ली की सडको से काली फिल्म चढ़ी सिसो वाली गाड़िया बे रोक टोक चल रही हैं / क्युकी उससे पुलिस वालो की आमदनी होती हैं / पुलिस वालो को शायद इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की उन काले सिसो के पीछे क्या हो रहा हैं /


अपराधी सरे बाजार एक के बाद एक लडकियों के चेहरे पर चाकू से वार कर जाता हैं, तेज़ाब फेंक जाता हैं और पुलिस को अपराधी मिलता ही नहीं / आरुशी हत्याकांड पुलिस की निकर्मंयता का जीता जागता प्रमाण हैं / पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना होगा / अपनी कार्यप्रणाली में प्राथमिकता तय करनी होगी / ऍफ़ आई आर लिखना केन्द्रीयकृत करना होगा / सभी थानों का computerisation करना होगा / घूसखोरी का त्याग करना होगा / पुलिस वालो को सभी तरह के अपराधी पकड़ने के लिए पुरस्कार का प्रचलन करना होगा /

2 comments:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

पुलिस प्रशासन की विफलता बहुत अखरती है आम नागरिक को ........सार्थक लेख

Rajesh Sharma said...

मोनिका जी ..... आभार /